छोटू मेरा नाम
आज कराता मैं अपना परिचय सरेआम
आज कराता मैं अपना परिचय सरेआम
सवर्प्रथम आप सभी को सदर प्रणाम
मैं एक नहीं, मैं हूँ अनेक
मुझसे मिलना बड़ा ही आसान
मैं सदौव आप की सेवा में
आधी पेट भोजन पे करूँ श्रम अपार
विश्राम पे लगा रखा है पूर्ण विराम
यही मेरा परम ध्यान
जो तनिक विचलित हुआ, होंगे मेरे गलों पे पांचो उँगलियों के निशान
बर्बरता की सहन शक्ति, यही मेरा परम ज्ञान
छोटू मेरा नाम
मेरी वेष-भूषा अति सरल एवं सदैव एक समान
दाग-धब्बे एवं मलीनता मेरी सर्वश्रेष्ठ पहचान
आधी पैंट, फटी कमीज कमर को रखा है बांध।
मेरी नन्ही सी आंख में एक है आशा
कोई मेरे माप का मुझे वस्त्र दिलाता
होठिठुरती ठंडक या तपिश का तापमान
मैं रहता सदैव एक समान
छोटू मेरा नाम
जरी, मोमबत्ती, चाबी छल्ले खिलौने एवं पटाखे
जैसे लघु उद्योगों का मैं बढ़ाता शान
ढाबे में आओ तो मैं तुम्हें कराता जलपान
किसी रोज मुझसे रेडलाइट पे मिल जाना
वहां भी कुछ सेवा का अवसर कराना प्रदान
छोटू मेरा नाम
आठ से चैदह वर्ष के परिपक् आयु में
संघर्ष कराना है बड़ा आसान
होती है संगति उत्तम लोगों से
जिन्हें मानवता का नहीं है कोई ज्ञान
अशलीलता जिनकी वाणी की शोभा
उदण्ता पे है जिनको गुमान
अपराध से खेलते जो आंख-मिचैलीवो
बन गए मेरे हमजोली
मुझे कोई बताओ, मुझे कहां है जाना
जरा मेरे भविष्य का अनुमान लगाना
जरा मेरे भविष्य का अनुमान लगाना
मेरी संख्या है करोड़ो में
परन्तु नहीं है कोई रोकथाम
मेरी मुक्ति की गाथा हर बार है बन जानी
परंतु नहीं होती है मुक्ति से हमारी पहचान
जब तक मृत्यु की चादर नहीं दिलाती वरदान
छोटू मेरा नाम
हे भारत अब तो मुझे पहचाने
No comments:
Post a Comment